लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाया गया है। वह प्रदेश के लगातार चौथे कार्यवाहक डीजीपी होंगे।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने को लेकर राज्य कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तंज किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि वर्ष 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी होंगे। इससे पहले वह विशेष पुलिस महानिदेशक (कानूनव्यवस्था) के पद पर तैनात थे। वह विजय कुमार का स्थान लेंगे, जो आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
राज्य के पुलिस प्रमुख के पद पर नियुक्ति के बाद कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट की।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद द्वारा जारी नियुक्ति के आधिकारिक आदेश के अनुसार कुमार के पास कानून-व्यवस्था और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) इकाइयों का भी प्रभार पहले की ही तरह बरकरार रहेगा।
बिहार के सीवान जिले के मूल निवासी 58 वर्षीय प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के लगातार चौथे कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक होंगे।
वर्ष 1987 बैच के अधिकारी मुकुल गोयल को 11 मई 2022 को कर्तव्य के प्रति लापरवाही के आरोप में पद से हटाए जाने के बाद से उत्तर प्रदेश में किसी भी पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति नहीं हुई है। गोयल को हटाए जाने के बाद डी. एस. चौहान प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी बने थे जो अप्रैल 2023 में सेवानिवृत्त हो गए। उसके बाद एक महीने के लिए आर. के. विश्वकर्मा कार्यवाहक डीजीपी बने। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद 31 मई को विजय कुमार को कार्यवाहक पुलिस प्रमुख बनाया गया था, जो आज सेवानिवृत्त हो गए।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
कुमार की नियुक्ति से कुछ देर पहले यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर कहा, लगता है एक बार फिर उप्र को कार्यवाहक डीजीपी मिलने वाला है। जनता पूछ रही है कि हर बार कार्यवाहक डीजीपी बनाने का खेल दिल्ली-लखनऊ के झगड़े की वजह से हो रहा है या फिर अपराधियों के संग सत्ता की सांठगांठ के कारण।