बारह रबीउल अव्वल की पूर्व संध्या पर जलसा सीरतुन्नबी व ईद मिलादुन्नबी का आयोजन
मस्जिदों की खूबसूरत रोशनी से सजावट, जगह-जगह लगी सबीलें
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में जश्ने ईद मिलाद उन नबी की पूर्व संध्या पर कई जगह जलसे हुए। जश्न ईद मिलादुन्नबी में उलमा और जाकिरों ने रसूले अकरम की सीरत और अजमत बयान करते हुए उन्हें सारी इंसानियत के लिए रहमत बताते हुए उनके बताए रास्ते पर चलने का आह्वान किया।
मस्जिदों और मुस्लिम इलाकों में खूबसूरत रोशनी से सजावट की गयी थी और जगह-जगह सबील लगा कर लोगों को पानी-शर्बत आदि वितरित किया गया।
इस्लामिक सेंटर ऑॅफ इंडिया में हुए जलसा सीरतुन्नबी सीरते सहाबा व इस्लाहे मुआशरा को मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सम्बोधित करते हुए कहा कि अल्लाह ने आखिरी नबी हजरत मोहम्मद को सारी दुनिया के लिए रहमत बना कर भेजा और आपकी लाई शरीयत खुदा की आखिरी शरीयत है। आपने इस्लाम की दावत रहती दुनिया तक के लिए दी। जलसे का आगाज मौलाना अब्दुल मुगीस ने तिलावते कलामे पाक से किया।
लालबाग स्थित अमीरुद् दौला इस्लामिया कॉलेज में जफरयाब जीलानी मेमोरियल सोसाइटी की ओर से जश्ने रहमतुल लिल आलमीन का आयोजन चौधरी शरफुद्दीन की अध्यक्षता में किया गया। जश्न का आगाज कारी मोहम्मद जुबैर खां ने तिलावते कलामे पाक से किया। इस मौके स्मारिका का विमोचन चौधरी शरफुद्दीन ने किया और अदील अहमद सिद्दीकी ने वित्तीय कमेटी की रिपोर्ट पेश की। जश्न का संचालन कफील अहमद एडवोकेट और अदील अहमद सिद्दीकी ने किया, जबकि चौधरी शरफुद्दीन ने मेहमानों का स्वागत किया। जश्न को इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद निजामुद्दीन मोहम्मद फरंगी महली, मौलाना यासीन अली उस्मानी और मौलाना कफील अशरफ ने खिताब करते हुए रसूले अकरम की सीरत बयान की। जश्न में आयोजित नातिया मुशायरे का आयोजन कफील अहमद की अध्यक्षता और वासिफ फारुकी के संचालन किया गया। अतहर नबी एडवोकेट ने शायरों का स्वागत करते हुए रिपोर्ट पेश की। नातिया मुशायरे में कलीम तारिक, असद आजमी, काविश रुदौलवी, वसीम रामपुरी, हैरत पिहानवी, हसन काजमी, साबिर फरीदी, अजम गोंडवी, डॉ. हारून रशीद, सलीम ताबिश, डॉ. मंसूर हसन खां सहित अन्य शायरों ने अपने कलाम बारगाहे रिसालत में पेश किये। जश्न में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
अमीनाबाद स्थित झण्डे वाला पार्क में मरकजी मीलादुन्नबी कमेटी की ओर से जश्ने मीलादुन्नबी और अखिल भारतीय नातिया मुशायरे का आयोजन किया गया। जश्ने ईद मीलादुन्नबी का आगाज तिलावते कलामे पाक से कारी हसरत अली ने किया और अनुवाद किया। जश्न में एम.ए. हसीब एडवोकेट ने खिताब करते हुए रिपोर्ट पेश की। जश्न को मौलाना जहांगीर आलम कासमी, मौलाना कौसर नदवी, मौलाना फरमान नदवी और मौलाना सईद अतहर कासमी ने खिताब किया। जश्न को खिताब करते हुए उलमा ने रसूल के अमन-मोहब्बत का पैगाम बयान करते हुए सीरते नबवी पर रोशनी डाली। जश्न का संचालन अब्दुल कुद्दूस हाशमी और खान मोहम्मद अब्दुल्लाह ने किया। नातिया मुशायरे में डॉ. शमीम रामपुरी ने अपना कलाम पेश करते हुए पढ़ा, जो हुजूर ले के आए वह पयाम सबसे अच्छा, जो नबी पे उतरा वह कलाम सबसे अच्छा, रफीक नागौरी ने कलाम पेश करते हुए पढ़ा, जब दुआ करते हैं आका मेरे उम्मत के लिए, चश्मे नम में कई सैलाब हुआ करते हैं, रहमत लखनवी ने पढ़ा, जिक्रे सरकारे दो आलम आज दुनिया भर में है, आस्मां पर चांद है और चांदनी हर घर में है। इसके अलावा आफताब असर टाण्डवी ने पढ़ा, देखिए अर्शे बरीं पर इज्जो-शाने मुस्तफा, खालिके कौनेन खुद है मेजबाने मुस्तफा तो सुब्हान-अल्लाह की आवाजें गूंज उठी। मुशायरे में अकील गाजीपुरी, इरफान लखनवी, यकीन फैजाबादी, फहीम फाकिर सहित अन्य शायरों ने भी अपने कलामों का नजराना पेश किया। इसके अलावा अकबरी गेट एक मिनारा मस्जिद व सदर जामा मस्जिद में भी जलसे का आयोजन किया गया