कैबिनेट का फैसला
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी चिकित्सकों की रिटायरमेंट आयु 62 से बढ़कर 65 कर दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। भविष्य में इन प्राविधानों में किसी भी तरह के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है। उन्होंने बताया कि प्रादेशिक चिकित्सा सेवा संवर्ग के लेवल एक, लेवल दो, लेवल तीन और लेवल चार तक के चिकित्साधिकारियों की अधिवर्षता आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की गयी है।
जबकि प्रशासनिक पदों पर कार्यरत महानिदेशक (लेवल-7), निदेशक (लेवल-6) और अपर निदेशक, प्रमुख अधीक्षक, अधीक्षिका, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी (लेवल-5) के चिकित्साधिकारी 62 वर्ष की आयु में ही रिटायर होंगे। वहीं संयुक्त निदेशक ग्रेड (लेवल-4) के चिकित्साधिकारी या संयुक्त निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रधानाचार्य (ट्रेनिंग सेन्टर) जिला क्षय रोग अधिकारी, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी प्रशासनिक पद पर सेवारत अधिकारी 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद इन प्रशासनिक पदों पर कार्य नहीं कर पाएंगे। लेकिन ये चिकित्सालयों में चिकित्सक के पद पर 65 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि लेवल एक से चार तक के डाक्टर अगर चाहे तो 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार का मानना है कि इस फैसले से जनता को बेहतर चकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होगी।