10000 की घूस लेते हुए एंटी करप्शन ने दबोचा
लखनऊ। एंटी करप्शन की टीम में बंथरा थाने की हरौनी चौकी प्रभारी राहुल त्रिपाठी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया। बताया जा रहा है कि चौकी प्रभारी एक मुकदमे से संबंधित व्यक्ति को पुलिस चौकी बुलाकर मामले को रफा दफा करने के लिए उससे रिश्वत ले रहा था। एंटी करप्शन टीम द्वारा पीजीआई थाने में दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
चौकी प्रभारी राहुल त्रिपाठी कुछ महीने पहले ही मोहनलालगंज कोतवाली से बंथरा की हरौनी चौकी के प्रभारी बनाए गए थे। भ्रष्टाचार निवारण संगठन के टीम प्रभारी नुरुल हुदा खान के मुताबिक बंथरा इलाके की एक नाबालिग किशोरी को बहला-फुसला कर भाग ले जाने के मामले में दरोगा राहुल त्रिपाठी जांच अधिकारी हैं। आरोपी ने किशोरी को ले जाकर मोहान रोड, बुद्धेश्वर स्थित एमएफ टावर निवासी विनोद कुमार के यहां रखा था। इस पर दरोगा राहुल त्रिपाठी उसे डरा धमका कर अपने यहां रखने के कारण 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे थे।
विनोद ने इसकी सूचना भ्रष्टाचार निवारण संगठन को दी। इसके बाद विनोद को 10 हजार रुपये लेकर दरोगा राहुल त्रिपाठी के पास हरौनी चौकी भेजा गया। तभी पुलिस चौकी में जैसे ही दरोगा ने विनोद से रिश्वत ली, वैसे ही भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ट्रैप टीम ने दरोगा को दबोच लिया। इसके बाद उसे पीजीआई थाने ले जाया गया। जहां पीजीआई पुलिस के सुपुर्द कर मुकदमा दर्ज कराया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों को लगा दरोगा का किया गया अपहरण
बताया जा रहा है कि हरौनी चौकी के आसपास रहने वाले प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो दरोगा राहुल त्रिपाठी खाना खाकर चौकी के अंदर अपने कमरे में आराम कर रहे थे। तभी तीन कारों से पहुंचे करीब एक दर्जन से अधिक लोग अचानक दरोगा के कमरे में घुस गए और उसे जबरन पकड़कर खींचते हुए अपनी गाड़ी के पास लाए। बाद में उसे मारपीट कर गाड़ी में डाल लिया और लेकर चले गए। इस दौरान दरोगा और उन लोगों के बीच हाथापाई भी हुई। जिससे दरोगा की वर्दी में लगा बैच फटकर जमीन पर गिर गया। लोगों को लगा कि फिल्मी स्टाइल दरोगा का किसी ने अपहरण कर लिया है। ऐसे में काफी देर तक इस बात की चर्चा होती रही।