अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने की योजना पर काम कर रही भाजपा इस लक्ष्य को पाने के लिए प्रदेश की 14 सीटों पर हारी बाजी को पलट कर जीत का परचम लहराने की कोशिश में जुटी है। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल हारी हुईं 14 में से चार सीटों को जीतने के लिए पार्टी की ओर से की जा रही रणनीतिक व्यूहरचना की समीक्षा करेंगे और आगामी योजना को लेकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ मंथन व उनका मार्गदर्शन भी करेंगे।
2019 में प्रदेश की 80 में से 62 सीटें जीती थीं भाजपा
बंसल को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने हारी हुईं लोक सभा सीटों के लिए राष्ट्रीय प्रभारी नियुक्त किया है। भाजपा ने पिछले लोक सभा चुनाव में प्रदेश की 80 में से 62 सीटें जीती थीं जबकि उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। पिछले साल हुए उपचुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर की सीटें जीती थीं। प्रदेश की 14 लोक सभा सीटें अब भी भाजपा के कब्जे से दूर हैं।
चार मंत्री कर रहे हैं हारी हुई सीटों पर समीक्षा
इनमें बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, अमरोहा, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज सीटें बसपा के कब्जे में हैं। संभल, मुरादाबाद व मैनपुरी सीटें सपा के पास जबकि रायबरेली कांग्रेस की झोली में है। हारी हुईं इन 14 सीटों को चार समूहों में बांटकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने लोक सभा प्रवास कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार के चार मंत्रियों-नरेन्द्र सिंह तोमर, डा.जितेन्द्र सिंह, अश्विनी वैष्णव और अन्नपूर्णा देवी को इन सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है।