झांसी लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि बुंदेलखंड नौकरी और रोजगार के नए हब (केंद्र) के रूप में स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर झांसी में 2,009 करोड़ रुपए की 100 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।उन्होंने हॉकी ओलंपिक खिलाड़ियों का सम्मान एवं हॉकी प्रतियोगिता की भी शुरुआत की। इससे पहले योगी ने हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही हॉकी संग्रहालय का उद्घाटन व अवलोकन भी किया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस मौके पर अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक भले ही बुंदेलखंड का नौजवान नौकरी के लिए बाहर का रुख करता रहा होगा, लेकिन डिफेंस कॉरिडोर (रक्षा गलियारा) और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ जब औद्योगिक दृष्टि से यह विकसित क्षेत्र बनेगा तो दुनिया कार्य करने के लिए झांसी और बुंदेलखंड में आएगी।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड नौकरी और रोजगार के नए हब के रूप में स्थापित होगा। ए जो क्षेत्र विकसित हो रहा है इसमें एक तरफ बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे है तो दूसरी तरफ कानपुर-झांसी राष्ट्रीय राजमार्ग और इसके बीच में बनेगा एक नया हवाई अड्डा जो झांसी के विकास को एक नई ऊंचाई देगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के पास दो हवाई अड्डे होंगे जिनमें एक झांसी में और एक चित्रकूट में होगा।
योगी ने कहा, आज बुंदेलखंड विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है, बुंदेलखंड में सिंचाई की तमाम परियोजनाओं को पूरा किया गया है। साथ ही झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की यह भूमि आज डिफेंस कॉरिडोर के नाम से भी जानी जा रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा विनिर्माण गलियारा के तहत झांसी में भारत डायनामिक्स की इकाई स्थापित होने जा रही है। इसके साथ ही हम 38 हजार एकड़ क्षेत्रफल में ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड औद्योगिक विकास के एक नए कार्यक्रम को लेकर आए हैं।
योगी ने मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि हॉकी में 1928,1932 और 1936 में तीन-तीन स्वर्ण पदक दिलाने वाले हॉकी के यह महान जादूगर न सिर्फ एक उत्कृष्ट खिलाड़ी थे, बल्कि भारत माता के प्रति अपार सम्मान और श्रद्धा का भाव उनके मन में था। उन्होंने कहा, यह कहते हुए गौरव की अनुभूति हो रही है कि बुंदेलखंड की धरती ऐसे वीर और वीरांगनाओं की धरती रही है। महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से आज भी हर वीरांगना, हर वीर अपने आपको गौरवान्वित करता है। जब बात खेलों की आती है तो मेजर ध्यानचंद जी का नाम पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ हर भारतीय लेता है। झांसी की धरती का यह सौभाग्य है कि उसने मेजर ध्यानचंद को पैदा किया है।