हजारों सोगवारो ने पेश किया इमाम को पुरसा
लखनऊ। नवास ए रसूल हज़रत इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों की शहादत की याद में होने वाली मजलिसों मातम और शबबेदारियों का दौर आज से दो महीने आठ दिन के बाद चुप ताज़िए के जुलूस बरामद होने के साथ खत्म हो गया। जुलूस नाजिम साहब के इमामबाड़े से निकाला गया। जो रौज़ाए काजमैन जाकर समाप्त हुआ।
जुलूस से पहले मौलाना यासूब अब्बास ने मजलिस को संबोधित किया। मजलिस को संबोधित करते हुए उन्होंने इमामे हुसैन (अल)की शहादत का ज़िक्र किया।जिसको सुनकर अज़ादर गमगीन हो गए। बताते चलें कि यह जुलूस मोहर्रम खत्म होने के आखरी दिन आठवीं रबीउल अव्वल को उठाया जाता है। और इसी जुलूस के साथ आज ही के दिन मोहर्रम खत्म हो जाता है
जुलूस शासन द्वारा तय रास्तों विक्टोरिया स्ट्रीट, शिया डिग्री कॉलेज, मेफेयर तिराहा, चिड़िया बाजार, बिल्लोचपुरा के सामने रोड से मुड़ कर अशर्फाबाद , गिरधारी सिंह स्कूल, मंसूर नगर, यतीम खाना होते हुए।
रौजाए काजमैन जाकर समाप्त हुआ। जुलूस गुजरने वाले अति संवेदनशील रास्तों पर पुलिस ने बेरकेटिंग कर रास्तों को बंद कर दिया था। जुलूस में शामिल लोग काले कपड़े पहने थे। जुलूस में मर्दों के साथ-साथ बच्चे महिलाएं भी शामिल थी। जुलूस में अलम, अली असगर अस का झूला, दुल दुल और बड़ी जरिया शामिल थीं। जुलूस को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने भारी पुलिस बल का बंदोबस्त कर रखा था।
जुलूस की निगरानी ड्रोन कैमरों से की जा रही थी। ताकि कोई अप्रिय घटना न घटने पाए। जगह-जगह सबीलें लगी हुई थी। लोगों को शरबत चाय, काफ़ी, दूध, और पानी बाटा जा रहा था।