लखनऊ। बारह रबीउल अव्वल के मौके पर गुरुवार को मजलिस तहफ्फुजे नामूसे सहाबा की ओर से जुलूस मदहे सहाबा शानो-शौकत के साथ निकाला गया। अमीनाबाद स्थित झण्डे वाला पार्क से गुरुवार सुबह मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी, मौलाना अब्दुल अजीम फारुकी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना मोहम्मद मुश्ताक के नेतृत्व में जुलूस मदहे सहाबा निकाला गया।
जुलूस में शामिल अंजुमनें मदहे सहाबा पढ़ते हुए जुलूस में शामिल हुईं। जुलूस अपने पूर्व निर्धारित रास्तों से होता हुआ ऐशबाग ईदगाह पहुंच कर सम्पन्न हुआ, जहां जलसा सीरतुन्नबी और पयामे अमन आयोजित हुआ।
अमीनाबाद स्थित झण्डे वाला पार्क से गुरुवार सुबह जुलूस मदहे सहाबा निकाला गया। जुलूस में शामिल अंजुमनें रंग-बिरंगे झण्डे लिए हुए थीं जिन पर कल्मा-ए-तौहीद, रसूले अकमर, खुलफा-ए-राशिदीन और सहाब-ए-कराम के नाम लिखे हुए थे। जुलूस में शामिल अंजुमनें रास्ते भर अपना तराना और मदहे सहाबा पढ़ते हुए चल रही थीं।
जुलूस के रास्ते में सड़क के दोनों किनारों पर सबीलों का इंतजाम किया गया था, जहां से जुलूस में शामिल लोगों को चाय, पानी-शर्बत और तबर्रुक बंट रहा था। बड़ी संख्या में हिन्दूओं ने भी सबीलें लगा कर जुलूस का स्वागत किया। जुलूस में मजलिस तहफ्फुजे नामूसे सहाबा, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया, आल इंडिया सुन्नी बोर्ड और तहरीक तहफ्फुजे नामूसे रसूल के कार्यकर्ता जुलूस की व्यवस्था सुचारू करने में मदद कर रहे थे। जुलूस अपने पूर्व निर्धारित रास्तों मौलवीगंज, रकाबगंज चौराहा, नादान महल रोड, नक्खास तिराहा से मुड़ कर टूड़ियागंज, बाजारखाला, हैदरगंज से मुड़ कर ऐशबाग ईदगाह पहुंचा, जहां जुलूस का स्वागत इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं और दारुल उलूम फरंगी महल के अध्यापकों ने किया। रास्ते में जुलूस का विभिन्न जगहों पर स्वागत किया गया। ईदगाह ऐशबाग में जोहर की नमाज अदा की गयी, जिसके बाद जलसा सीरतुन्नबी और पयामे अमन आयोजित हुआ। जलसे का आगाज कारी कमरुद्दीन ने तिलावते कलामे पाक से किया। जलसे को इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना मोहम्मद मुश्ताक और मोहम्मद अहमद खां अदीब सहित अन्य ने सम्बोधित करते हुए रसूल के अमन, प्यार मोहब्बत और आपसी भाईचारे को बयान किया।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आज का दिन वह मुबारक दिन है जिस दिन खुदा ने अपने आखिरी नबी हजरत मोहम्मद मुस्तफा को इस दुनिया में तमाम इंसानों की रहनुमाई के लिए भेजा। आज रसूल के इंसानियत, अमन और भाईचारे के पैगाम को घर-घर पहुंचाने की जरूरत है, जिससे इस्लाम और मुसलमानों के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर किया जा सके। जलसे में देश-प्रदेश में अमन-चैन, आपसी भाईचारे और तरक्की की दुआएं की गयीं। इस मौके पर जेसीपी उपेन्द्र कुमार अग्रवाल ने उलमा विशेष कर मौलाना खालिद रशीद का शुक्रिया अदा किया। डीसीपी रईस अख्तर ने कहा कि पुलिस को जनता का सहयोग मिले तो बड़े से बड़े मसले आसानी से हल हो जाते हैं। ईदगाह में अंजुमनों के पहुंचने का सिलसिला शाम तक चलता रहा।