अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
कई दलों के नेता और फिल्मी हस्तियां अंतिम यात्रा में हुई शामिल
लखनऊ। सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत राय का लखनऊ के भैंसाकुंड में अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि, इस दौरान उनके दोनों बेटे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। सहाराश्री सुब्रत राय को उनके पोते हिमांक ने मुखाग्नि दी।
इसके पहले अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में आम लोग व वीआईपी शामिल हुए। सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत राय की अंतिम यात्रा सहारा शहर से निकली तो बड़ी संख्या में राजनेता, फिल्मी हस्तियां और आम लोग मौजूद रहे। उनके पार्थिव शहर को भैंसाकुंड लाया गया जहां उनके पोते हिमांक ने मुखाग्नि दी।
अंतिम यात्रा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राज बब्बर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी सहित फिल्म जगत की हस्तियां भी मौजूद रहे। इसके पहले सहारा शहर में अंतिम दर्शन के वीआईपी व सहारा कर्मचारियों का जमावड़ा लगा रहा। इसके पहले अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में आम लोग व वीआईपी शामिल हुए।
मुंबई के एक अस्पताल में गत दिवस सुब्रत रॉय का 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। चार्टर प्लेन के जरिये उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डे पर शाम 4:10 बजे लाया गया।
बड़ी संख्या में सहारा शहर पहुंचे सहारा परिवार के कर्मचारी व अधिकारियों की आंखें रॉय के पार्थिव शरीर को देखते ही नम हो गईं। ये लोग उनसे जुड़ी यादें एक.दूसरे से साझा करते नजर आए।
सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के बाद सोशल मीडिया पर सभी वर्ग के लोगों ने उन्हें याद किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर लिखा कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन अत्यंत दुखद है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान व शोकाकुल परिवारीजनों को यह अथाह दुख सहने की शक्ति दें।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि सहाराश्री का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावनात्मक क्षति है क्योंकि वह एक अति सफल व्यवसायी के साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदय वाले व्यक्ति भी थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की, उनका सहारा बने। सहारा शहर में अंतिम दर्शन करने पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सुब्रत रॉय का निधन बहुत पीड़ादायक है। उन्होंने अपने जीवन काल में प्रदेश में बहुत बड़ा कारोबार खड़ा किया। हम उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।