लखनऊ। अपहरण के मामले में इंस्पेक्टर हसनगंज को निलंबित करते हुए पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। सिपाही समेत अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। कपड़ा व्यापारी को आजमगढ़ से अगवा करने वाले दरोगा, सिपाही समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
इंस्पेक्टर हसनगंज को निलंबित कर दिया गया है। उनकी भूमिका की जांच शुरू कर पुलिस की एक टीम पीड़ित व्यापारी के बयान लेने के लिए बिजनौर रवाना हो गई है। पुलिस के अनुसार इश्तियाक कपड़े का व्यापार करते हैं। 29 नवंबर को वह आजमगढ़ में कपड़ा
बेचने गए थे। बस अड्डे के पास से बोलेरो सवार लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उनको उठा लिया था।
इश्तियाक से कहा था कि चोरी के केस में उनको उठाया गया है। अगवा करने के बाद निराला नगर स्थित चरन गेस्ट के एक कमरे में बंधक इश्तियाक को बंधक बना लिया था।उसकी पिटाई कर 20 हजार रुपये, 50 हजार के कपड़े लूट लिए थे। इश्तियाक के घरवालों को फोन कर 1.20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। किसी तरह से इश्तियाक उनके चंगुल से निकलकर एक परिचित से मदद मांगी थी। शनिवार को मामले में हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबल युसुफ हुसैन, बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव, हिस्ट्रीशीटर दिनेश गुप्ता और नसीम, शेखर उर्फ चुन्नू कुमार सिंह व एक अन्य अज्ञात पर रंगदारी, अपहरण, लूट, बलवा, मारपीट आदि गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
जानकारी होने पर डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक ने मामले का संज्ञान लिया और एसीपी महानगर को जांच सौंपी। जांच में पूरे घटनाक्रम में पुलिसकर्मियों की भूमिका मिली। जिसके बाद रविवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दरोगा, सिपाही को गिरफ्तार करने के बाद बाद जेल भेज दिया। वहीं इंस्पेक्टर हसनगंज राजकुमार को निलंबित कर दिया गया है।