10,000 सीसीटीवी कैमरे लोगों की गतिविधियों पर रखेंगे नजर
अयोध्या। रामनगरी में सोमवार को होने वाले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें 10,000 सीसीटीवी कैमरे लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं।
अयोध्या में धर्मपथ और रामपथ से लेकर, जहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है, वहीं हनुमानगढ़ी इलाके की गलियों और अशर्फी भवन रोड तक, पुलिसकर्मियों को सड़कों पर गश्त करते देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने भी शनिवार को अयोध्या में गश्त की थी। शहर के लगभग हर प्रमुख चौराहे पर कंटीले तारों के साथ चलते-फिरते अवरोधक देखे जा सकते हैं, क्योंकि पुलिसकर्मी उनका उपयोग विशेष रूप से अति विशिष्ट जनों के आने-जाने के दौरान यातायात को नियंत्रित करने के लिए करते हैं।
उप्र के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने हाल में कहा था कि 22 जनवरी को होने वाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है. इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और इसके साथ ही हर सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। अयोध्या में कार्यक्रम स्थल पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुमार ने कहा इसके लिए पूरे अयोध्या जिले में 10,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से कुछ सीसीटीवी कैमरों में हम एआई-आधारित तकनीक का उपयोग कर रहे हैं ताकि हम यात्रियों पर कड़ी निगरानी रख सकें। कार्यक्रम स्थल पर सादे लिबास में बहुभाषी दक्ष पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों की मदद से सरयू नदी के किनारे भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि हम अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा पर जांच चल रही है।
पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने और अतिरिक्त भीड़ को हटाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगी। इसके पहले अयोध्या में ड्रोन की तैनाती के बारे में विस्तार से बताते हुए सुरक्षा मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव बंसवाल ने बताया था कि वहां एक एंटी-ड्रोन प्रणाली स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य आसपास उड़ने वाले किसी भी अनधिकृत ड्रोन का पता लगाना है, जो तुरंत इसके टेक-ऑफ और गंतव्य बिंदु को बताएगा।
मेहमानों को दिया जाएगा शुद्ध देशी घी से बना महाप्रसाद
श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अति विशिष्ट अतिथियों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा के बाद महाप्रसाद दिया जाएगा।
इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान मेहमानों को मंदिर परिसर में देशी घी से तैयार भोजन भी परोसे जाने की तैयारी है।
एक सरकारी बयान में कहा गया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मार्गदर्शन में गुजरात की भगवा सेना भारती गरवी गुजरात एवं सन्त सेवा संस्थान की ओर से महाप्रसाद तैयार किया जा रहा है, जिसे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद मेहमानों को वितरित किया जाएगा।
संत सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल भाई रावल ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से उन्हें तीन दायित्व सौंपे गए हैं जिसके तहत उन्हें महाप्रसाद तैयार करने के साथ संतों के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था करना है। उन्होंने बताया कि करीब 200 लोगों की टीम द्वारा पांच हजार किलो से अधिक सामग्री से महाप्रसाद को तैयार किया गया है जिसमें शुद्ध देशी घी, बेसन, शक्कर और पंच मेवे का इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने कहा कि महाप्रसाद की शुद्धता का भी विशेष ध्यान रखा गया है, जिसमें सभी सामग्रियों को खुद संस्थान की ओर से निर्मित किया गया। उनके अनुसार महाप्रसाद की किसी भी सामग्री को बाजार से रेडीमेड नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि महाप्रसाद के 20 हजार से अधिक पैकेट को तैयार किया गया है तथा हर पैकेट में दो लड्डू, सरयू नदी का जल, अक्षत, सुपारी की थैली और कलावा होगा। उनका कहना था कि
महाप्रसाद के पैकेट को सनातनी परंपरा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उनके अनुसार संस्थान की ओर से 21 जनवरी को महाप्रसाद के पैकेट को ट्रस्ट को सौंप दिया गया।