चप्पे चप्पे पर तैनात रहे सुरक्षा बल
डीएम से हुई सांसद अफजाल की तीखी बहस
लखनऊ। माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को शनिवार दोपहर युसूफपुर मुहम्दाबाद कस्बे में स्थित परिवारिक कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
तमाम पाबंदियों और स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी के बाद भी मुख्तार अंसारी के जनाजे में लोगों को जन सैलाब उमड़ आया। हालांकि कब्रिस्तान के अन्दर मुख्तार के परिजनों के अलावा कुछ खास लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी गयी, जिन्होंने अंतिम संस्कार को अपने रीति रिवाज से अंजाम दिया। इसके बाद देर शाम तक मिट्टी देने का सिलसिला जारी रहा।
भीड़ उम्मीद से अधिक जुट गयी थी। कुछ लोगों ने नारेबाजी भी की, लेकिन अंतिम संस्कार का कार्यक्रम शांमिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया।
मुख्तार का जनाज जैसे ही कब्रिस्तान के पास पहुंचा, कब्रिस्तान में अंदर जाने को लेकर भगदड़ की स्थिति बन गई। पुलिसए प्रशासन और खुद अंसारी परिवार के लोगों ने लोगों को समझाने और नियंत्रण में करने का प्रयास किया।
हालांकि इस दौरान गाजीपुर की जिलाधिकारी और जिले के सांसद व मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी के बीच तीखी बहस हो गयी। डीएम ने कहा कि धारा 144 लागू है और बिना परमिशन इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे आ गए। अफ जाल ने कहा कि जनाजे के बाद मिट्टी देने के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं होती है। ये आपकी कृपा पर नहीं है। डीएम ने कहा कि मैं जिले की जिलाधिकारी और निर्वाचन अधिकारी के पद हूं। अफजाल बोले आप कुछ भी हों। दुनिया में कहीं भी किसी की मिट्टी में जाने के लिए इजाजत नहीं ली जाती है। बहस के बीच डीएम ने कहा कि सबकी वीडियोग्राफी करवाई गई है और जो भी उल्लंघन में शामिल है, सबके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा। हालांकि बाद में डीएम ने कहा कि सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया।
हर पहलू की वीडियोग्राफी करायी गयी है, जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इससे पूर्व मुख्तार के शव को कफन में रखने के बाद अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर रखा गया, जहां बड़ी तादात में लोगों ने मुख्तार का अंतिम दर्शन किया। इसके बाद जमाजे जनाजा के लिए शव को आवास से थोड़ी दूरी पर स्थित हाते में ले जाया गया, जहां नमाजे जनाजा हुई। नमाजे जनाजा में भी हजारों लोगों ने शिरकत की। इसके बाद हाते से शव को कालीबाग कब्रिस्तान के लिए निकाला गया। मुख्तार के आवास से कब्रिस्तान तक चारो तरफ लोगों का हुजूम नजर आ रहा था। महिलाएं छत से मुख्तार के शव का दीदार कर रही थीं। भीड़ इतनी हो गयी कि पुलिस को लोगों के लिए रूट बांटना पड़ा। इस दौरान चप्पे चप्पे पर फोर्स तैनात की गयी थी। जगह जगह पे पुलिस बैरिकेटिंग लगायी गयी थी। मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार के दौरान उनके समर्थकों द्वारा कब्रिस्तान में प्रवेश करने के लिए बैरिकेडिंग तोडऩे से अफ रा-तफ री का माहौल भी उत्पन हो गया, लेकिन कुछ समय में ही स्थिति नियंत्रण में कर ली गयी। वहीं मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने मुख्तार अंसारी की मूछों पर ताव देकर पिता को अंतिम विदाई दी।