प्रधानमंत्री नहीं 21वीं सदी के राजा हैं मोदी जी: राहुल गांधी
लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी किसी की बात नहीं सुनते। उनके जो दो-तीन फाइनेंसर हैं टैम्पो वाले असलियत में वही राजा हैं। पावर उन्हीं के पास है मोदी जी के पास नहीं। मोदी जी कहते हैं मैं संविधान को रद्द नहीं करना चाहता लेकिन जब आप सीबीआई और ईडी को लेकर राजनीति और लोकतंत्र पर हमला करते हैं तो आप संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं। जब सारे संस्थानों में आरएसएस के लोग भरे जा रहे हैं, बिना किसी से पूछे नोटबंदी करते हैं, सेना से पूछे बिना जब अग्निवीर योजना लागू करते हैं तो संविधान पर आक्रमण करते हैं।
उन्होंने कहा कि इनके सारे नेता आरक्षण खत्म करने को कह रहे हैं, मैं खुल कर कह रहा हूं कि आरक्षण कभी खत्म नहीं कर सकते। श्री गांधी शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में समृद्ध भारत फाउण्डेशन की ओर से गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठïान में आयोजित राष्टï्रीय संविधान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री गांधी ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए हाथों में संविधान लेकर कहा कि इससे लोकतांत्रिक अधिकार मिलता है, मगर यह ट्रांसफर ऑफ पावर, ट्रांसफर ऑफ एस्सेट, वेल्थ, स्किल्स का भी डाक्यूमेण्ट है। पहले आपके पैदा होने से पहले ही आपका भविष्य तय हो जाता था। हिन्दुस्तान में सारे लोगों को छोटे-छोटे खांचों में डाल दिया जाता था। हिन्दुस्तान के करोड़ों लोगों ने हजारों साल इस तरह जिंदगी जी है। इससे कितनी काबिलियत बर्बाद हुई। देश में तीन हजार साल में सबसे सफल आंदोलन संविधान का हुआ है। संविधान अम्बेडकर ने दिया यह सच्चाई है, लेकिन इसमें बुद्ध, बसव, पेरियार, गांधी सहित तमाम ऐसे लोग भी हैं जिनके नाम किसी ने नहीं सुने। इसने करोड़ों लोगों के लिए दरवाजे खोले। संविधान से जो आकांक्षाएं महात्मा गांधी, अम्बेडकर, जवाहर लाल नेहरू की थी उससे कम लोगों को फायदा हुआ।
जातिगत जनगणना से पता चलेगी सच्चाई
आज देश के पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब जनता आज मीडिया, पब्लिक सेक्टर, न्यायपालिका, सरकार और बड़ी कम्पनियों में कहां हैं। मीडिया मामूली औजार नहीं है यह नैरेटिव बनाता है। बड़े पत्रकारों और मीडिया ऑनरशिप में पिछड़े वर्ग का व्यक्ति नहीं मिलेगा, यह सच्चाई है जिसे छिपे तरीके से किया जाता है। पब्लिक सेक्टर से 90 प्रतिशत के लिए रास्ते खुले मगर ज्यादा नहीं खुलते थे। आज जहां भी देखो 90 प्रतिशत तो है ही नहीं। मैं कह रहा हूं जातिगत जनगणना कीजिए। पता लगाइये कि देश में पिछड़े, दलित, आदिवासी कितने हैं किन संस्थाओं में हैं। इससे देश के करोड़ों लोगों को सच्चाई पता चलेगा। इस सच्चाई से लोग डर क्यों रहे हैं। मोदी जी सुपरपावर की बात करते हैं लेकिन सुपरपावर तो 90 प्रतिशत आबादी है। मैं कहता हूं कि हिन्दुस्तान की जनता के सामने हकीकत लाओ। देश में इतने दलित, इतने आदिवासी, इनते अल्पसंख्यक हैं और इनकी इतनी भागीदारी है। अगर हकीकत सामने रख दी तो देश की राजनीति बदल जाएगी। उसे बदलना ही होगा। 90 प्रतिशत को आप चुप नहीं रख सकते। कुछ भी कर लो उनकी ताकत को काबू नहीं कर सकते।