मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात
लखनऊ। मदरसों को नोटिस दिए जाने के मामले को लेकर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात कर आपत्ति दर्ज करायी।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए आदेश को तुरंत वापस लेने का आदेश जारी करने की मांग की। बोर्ड महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्ददी के नेतृत्व में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना अतीक अहमद बस्तवी, डॉ. कासिम रसूल इलियास, सऊद रईस एडवोकेट और जीशान खान शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री से मुख्य सचिव की ओर से प्रदेश के 8449 मदरसों को जारी नोटिस पर अपनी आपत्ति जताई, जिसके आधार पर जिला प्रशासन मदरसों में पढऩे वाले बच्चों को बेसिक शिक्षा के स्कूलों में दाखिले का आदेश दे रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इन मदरसों में दारुल उलूम देवबंद, दारुल उलूम नदवतुल उलमा, जामिया सलाफिया बनारस, जामिया अशरफिया मुबारकपुर, जामियातुल फलाह और मदरसा अल इस्लाह जैसे अंतरराष्ट्रीय मदरसे शामिल हैं।
इन मदरसों से शिक्षा पूर्ण करने वाले छात्रों को देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिलता है। यहां से शिक्षा पूरी करने वाले छात्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और कई छात्र सरकार में अहम पदों पर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त बताया जा रहा है जबकि यह मदरसे सालों से किसी ट्रस्ट या संस्था के तहत स्थापित हैं जिनमें धार्मिक शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी दी जा रही है।
मुख्य सचिव का यह आदेश संविधान के प्रावधानों 14, 21, 26, 28, 29 और 30 के खिलाफ है, जिसमें अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शिक्षण संस्थान स्थापित करने और प्रबंधन का अधिकार दिया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से इस आदेश को तुंरत वापस लेने का आदेश देने की मांग का ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को विषय पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।