लखनऊ। 78 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधानभवन के समक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ध्वजारोहरण किया। योगी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने लगातर आठवीं बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर ध्वजारोहरण किया है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर तिरंगा फहराया।
विधानभवन में ध्वजारोहरण के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था को लेकर देश और दुनिया के सामने एक नजीर पेश की है। हम सब जानते हैं सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में कानून व्यवस्था सबसे महती भूमिका का निर्वहन करती है। रुल ऑफ लॉ की स्थापना से देश और दुनिया में प्रदेश का परसेप्शन बदला है। विकास और बदलाव के इस क्रांति काल में कुछ लोग अपनी कुत्सित मंशा से समाज में वैमनस्यता पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।
देश की एकता व अखंडता को चुनौती देने की मंशा रखने वाले जाति और पंथ के नाम पर समाज में विष घोलने की कोशिश करेंगे। ऐसे स्वार्थी तत्वों द्वारा झूठ-छल और प्रपंच के सहारे किए गए षडय़ंत्रों को हमें सफ ल नहीं होने देना है। अफवाह फैलाने वाले ऐसे स्वार्थी तत्वों को पहचानना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरुक नागरिक होने के नाते हम अपने आस-पड़ोस में घटित होने वाली घटनाओं से अनभिज्ञ नहीं रह सकते,जो ताकतें आज हमारे देश के पड़ोस में मानवता को शर्मसार करते हुए अराजकता की दुंदुभी बजा रही हैं, वे हमारे गांव, नगर व कस्बे के सामाजिक सौहाद्र्र को भी मिटाने का कुचक्र रच सकती हैं।
हमें इन विभाजनकारी ताकतों को पहचानना होगा, इनसे सावधान रहते हुए कुत्सित प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब देना होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अपनी सरकारी की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं के उन्नयन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से अब तक हुए निवेश से एक करोड़ 62 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है और केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को अपनाकर 62 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे में भी मदद मिली है।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ लगातार 7 वर्ष 149 दिनों तक सीएम पद को संभालने वाले प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। वे 19 मार्च 2017 को प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री बने थे। वहीं मुलायम सिंह यादव अपने तीन बार के कार्यकाल में 6 वर्ष 274 दिनों तक ही सीएम थे। प्रदेश की चार बार सीएम रहने वाली मायावती 7 वर्ष 16 दिनों तक सीएम के पद रहीं। जबकि अखिलेश यादव 5 वर्ष 4 दिन तक मुख्यमंत्री रहे थे।