लखनऊ। लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के लाख प्रयास के बाद भी राजधानी में जाम की समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है। जाम कि स्थिति इतनी विकट होती जा रही है कि अब तो एंबुलेंस का निकल पाना भी दुश्वार हो रहा है, जाम में फंसकर मरीजों की जान जाने का खतरा पैदा हो गया है। अगर इस समस्या का समाधान जल्द ही नहीं निकाला गया तो कई मरीज अस्पताल के दर पर ही अपना दम तोड़ देंगे।
सरकारी चिकित्सालय बलरामपुर के आसपास प्रतिदिन इतना भीषण जाम लगता है कि इस रास्ते से निकलने वाले लोग घंटों यहां पर फंसे रहते हैं। इस जाम को भीषण बनाने में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम भी जिम्मेदार है। शहर से बाहर आने जाने वाली बसों को यही रूट दिया गया है जबकि मालूम है कि यहां पर जिला चिकित्सालय मौजूद है।
जाम के कारणों में अवैध अतिक्रमण और ई-रिक्शा चालकों ने भी कोहराम मचा रखा है। यहां पर अवैध अतिक्रमण का हाल ये है कि बलरामपुर अस्पताल के गेट से शुरू हुआ अतिक्रमण अस्पताल से लगी दीवार के सहारे काफी दूर तक फैला हुआ है जिससे हालात और भी बदतर हो रहे हैं।
वहीं ई-रिक् शा चालक भी जाम को भीषण बनाने में अपना अहम रोल अदा कर रहे हैं। ये भी सवारियां भरने के चक्कर में अस्पताल के गेट पर ही अपना डेरा डाले रहते है जिसकी वजह से अस्पताल आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन ने बताया कि यह रोडवेज बसों का कोई रूट नहीं है फिर भी यह इधर से होकर जाती हैं और जाम की स्थिति पैदा करती हैं। चिकित्सालय के निदेशक ने इस समस्या को लेकर नगर निगम, पुलिस प्रशासन एवं परिवहन विभाग को पत्र भी भेजा है परंतु अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। इस संबंध में जब नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने जल्दी ही अवैध अतिक्रमण को हटाने का आश्वासन दिया है।